नई दिल्ली, जून 16 -- भारत 113 किलोमीटर लंबी नहर के निर्माण की संभावना पर गौर कर रहा है, जिससे पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में शेष जल को डायवर्ट किया जा सके। यह कदम सिंधु जल संधि के तहत भारत के हिस्से के जल का बेहतर इस्तेमाल के लिए उठाया गया है। साल 1960 में यह संधि हुई, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच 6 नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज) के पानी के बंटवारे का प्रावधान है। भारत अब पश्चिमी नदियों (झेलम, चिनाब और सिंधु) के अतिरिक्त जल को नहरों के जरिए उपयोगी क्षेत्रों में ले जाना चाहता है, जो फिलहाल पाकिस्तान की ओर बहती हैं। यह भी पढ़ें- पाक को फिर 'ग्रे लिस्ट' में डालने की तैयारी! FATF ने पहलगाम आतंकी हमले पर लताड़ा यह भी पढ़ें- कौन बना रहा पाकिस्तानी सेना को निशाना? धड़ाधड़ मारे जा रहे सैनिक सूत्रों के अनुसार, यह प्रोजेक्ट ...
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