बोकारो, जून 3 -- बोकारो, कृष्णा चौधरी। आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पतलों में डायलिसिस कराने वाले किडनी मरीजों की जान खतरे में पड़ गई है। डेढ़ साल से बकाया राशि नहीं मिलने से अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों का डायलिसिस करने से हाथ उठा दिया है। किसी मरीज की सांस फूल रही है तो किसी का पैर व चेहरा फूला है। इसी स्थिति में अपनी जान बचाने के लिए सोमवार को सिविल सर्जन के यहां गुहार लगा पहुंच गये। कुछ मरीज डायलिसिस के सहारे पांच छह साल से जिंदा है। किसी का सप्ताह में तीन बार तो किसी का एक से दो बार डायलिसिस होता है। एक दिन भी डायलिसिस बंद हो गया तो मौत हो सकती है। बावजूद इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। मरीजों का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त में डायलिसिस होना बंद हो गया तो हमलोग मर जाएंगे। अस्पताल प्रबंधन द्वारा डायलिसिस बंद किय...