हरिद्वार, मार्च 27 -- हरिद्वार। राज्य कर विभाग ने आयरन स्क्रैप ट्रेडर फर्म के गोदाम पर जांच की। स्क्रैप फर्म पर बोगस आईटीसी प्रयोग क अपनी वास्तविक कर देयता को समायोजित किया जा रहा था। जांच के दौरान स्क्रैप व्यापारी ने 2.58 करोड़ की कर देयता को स्वीकार किया। इसके साथ ही गलती स्वीकार कर टीम से टैक्स जमा करने की मोहलत मांगी। अपर आयुक्त राज्य कर पीएस डुंगरियाल ने बताया कि व्यापारी की मोहलत दी गई है। बताया कि वर्ष 2024-25 में विशेष अनुसंधान शाखा ने 25 से अधिक फर्जी फर्मों को पकड़ा है। इस दौरान 50.81 करोड़ की फेक आईटीसी प्रकाश में आई। फेक आईटीसी के लाभार्थियों से कर की वसूली की जा रही है। अस्तित्वहीन मिल रही फर्मों का पंजीकरण निरस्त कराकर उन पर जुर्माना लगाया गया है।

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