मेरठ, जून 2 -- कैलाशपुरी में मास्टर सुंदरलाल स्मृति न्यास के तत्वावधान में रविवार को मास्टर सुंदरलाल के निवास पर काव्य गोष्ठी आयोजित हुई। गीतकार धर्मजीत सरल को काव्य गोष्ठी समर्पित की गई। अध्यक्षता कौशल कुमार, संचालन कवि डा. रामगोपाल भारतीय ने किया। संयोजन प्रो. वेद प्रकाश बटुक का रहा। प्रो. बटुक ने कहा कि धर्मजीत का व्यक्तित्व अत्यंत सीधा और सरल था। प्रचार और प्रसिद्धि से दूर वह अनवरत साहित्य सृजन करते रहे। उनके गीत, बच्चों की कविताएं और प्रकृति चित्रण की पुस्तकें समाज की धरोहर हैं। उन्होंने इप्टा में रहकर सौ से भी अधिक नाटकों में अभिनय किया। बहुमुखी प्रतिभा के धनी सरल की चर्चित पंक्तियां उनका जीवन दर्शन प्रस्तुत करती हैं, अगला जनम बताओ तो कब किसने देखा है, मिलना है तो इसी जनम में मिलने की बात करो। मुनेश त्यागी ने अपनी कविता से महिलाओं प...