फर्रुखाबाद कन्नौज, सितम्बर 25 -- फर्रुखाबाद, संवाददाता। फतेहगढ़ में चल रही रामलीला में धनुष भंग, लक्ष्मण-परशुराम संवाद का आयोजन किया गया। राजा जनक के दरबार में आयोजित स्वयंवर में जब महाबली योद्धा भी शिवजी के धनुष को हिला तक नहीं सके तो राजा जनक की आंखों में आंसू आ गए और वह बोले कि क्या किसी में ऐसी क्षमता नही है जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाकर सीता से स्वयंवर रचाये। सारे राजा महाराजाओं के काफी प्रयाास के बाद भी जब कोई सफल नही हुआ तो स्वयं प्रभु श्रीराम ने अपने गुरू विश्वामित्र से आर्शीवाद लिया और धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने की आज्ञा मांगी। गुरू की आज्ञा के बाद प्रभु श्रीराम ने धनुष पर जैसे ही प्रत्यंचा चढ़ायी कि धनुष टूट गया। शिवजी का धनुष टूटते ही वहां पर भगवान परशुराम क्रोधित होकर आ पहुंचे और अपने क्रोध में बोले कि शिवजी का धनुष किसने तोड़ा है व...
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