सहारनपुर, जून 24 -- देवबंद। उत्तराखंड के रुडक़ी निवासी प्रसिद्ध शायर कय्यूम बिस्मिल के सम्मान में देर शाम शेरी नशिस्त का आयोजन किया गया। इस दौरान स्थानीय और बाहर से आए शायरों ने खूबसूरत कलाम पेश कर देर रात तक श्रोताओं से दाद-ओ-तहसीन हासिल की। मोहल्ला कायस्थवाड़ा में आयोजित शेरी नशिस्त का आगाज़ नात-ए-पाक से हुआ। इस दौरान महमान शायर क़य्यूम बिस्मिल ने पढ़ा कि 'मेरे गम में होने के लिए शामिल चला आया, यक़ीनन इश्क़ मेरा जानिबे मंज़िल चला आया। शायर इंतजार अली ने सुनाया 'नजऱे तुम्हारी तेज हैं शमशीर की तरह, दिल पे ये वार करती हैं इक तीर की तरह। गुल मुहम्मद गुल ने कुछ यूं कहा 'उसके हाथों में भी ये करामत है, उस ने पत्थर छुआ आइना हो गया। जावेद आसी ने पढ़ा कि'अभी तो मैंने जलाया नहीं कोई चराग़, तो फिर हवाओं का चेहरा उतर गया कैसे। इनके अलावा नईम अख्तर, राशि...