लखनऊ, मार्च 17 -- लखनऊ। कार्यालय संवाददाता विविध सेवा संस्थान एवं रंग उत्सव संस्था की ओर से बाल्मीकि प्रेक्षागृह में फंदी का मंचन हुआ। विकास दुबे के निर्देशन में मंचित हुए नाटक के माध्यम से एक ट्रक ड्राइवर और उसके कैंसर से पीड़ित पिता के दर्द की वेदना को दिखाया गया। नाटक का मुख्य किरदार फंदी है। उसका पिता कैंसर की आखिरी स्टेज में पहुंच चुका है। एक गरीब ट्रक चालक होने के बावजूद वह कर्ज लेकर पिता का इलाज कराता है। कैंसर का इलाज नहीं होने के कारण वह काफी हताश हो जाता है। इधर उसका पिता कैंसर के असहनीय दर्द से तड़प रहा है वह अपने बेटे सगे संबंधियों से मौत मांगता है। उधर नेशनल ट्रांसपोर्ट कंपनी वाले फंदी से गांजे की स्मगलिंग करने के लिए कहते हैं, लेकिन फंदी के मना करने पर उसे नौकरी से निकाल देते हैं। नौकरी छूटने के बाद वह इतना लाचार हो गया कि उ...