कौशाम्बी, मई 3 -- जिला कृषि रक्षा अधिकारी इन्द्रजीत यादव ने जिलेभर के किसानों को ग्रीष्मकालीन जोताई की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि रबी की फसल की कटाई के बाद खेत की गहरी जोताई आगामी खरीफ फसलों के लिए रोगों एवं कीड़ों से बचाव के लिए अत्यंत लाभकारी होगी। मानसून आने से पूर्व मई व जून महीने में खेतों की ग्रीष्मकालीन जोताई की जाती है। गर्मी में खेत की गहरी जोताई (लगभग 10-12 इंच) करने से जहां मृदा के अंदर छिपे हानिकारक कीड़े, मकोड़े (दीमक, गिडार) उनके अंडे, लार्वा प्यूपा एवं खरपतवार के बीज सूर्य की तेज किरणों के संपर्क में आने से नष्ट होते हैं। वही दूसरी ओर खेत की कठोर परत को तोड़कर मृदा को जड़ों के विकास के लिए अनुकूल बनाते हैं। साथ ही साथ मृदा संरचना में भी सुधार होता है और जलधारण क्षमता भी बढ़ती है, जो फसलों के बढ़वार के लिए उपयोगी होती है। गर...