वाराणसी, अगस्त 19 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। मध्य प्रदेश की सहारिया जनजाति में ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) की असामान्य रूप से उच्च दर का जिम्मेदार डीएनए है। बीएचयू के साथ चार अन्य सहयोगी संस्थानों के शोधकर्ताओं के आनुवंशिक अध्ययन ने इससे जुड़ी संभावित आनुवंशिक कड़ी का खुलासा किया है। यह अध्ययन अंतरराष्ट्रीय जर्नल 'माइटोकॉन्ड्रियान में प्रकाशित हुआ है। शोध में वैज्ञानिकों ने सहारिया जनजाति की टीबी संवेदनशीलता में मातृ आनुवंशिक वंश (माइटोकॉन्ड्रिया) की भूमिका पर गहन जांच की है। मध्य प्रदेश में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) के रूप में मान्यता प्राप्त सहारिया जनजाति में टीबी की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। यह प्रति एक लाख व्यक्ति पर 1,518 से 3,294 तक है। बीएचयू के जीन वैज्ञानिक प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन ने...