नई दिल्ली, सितम्बर 24 -- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूछा कि 1995 में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना को अब तक फांसी क्यों नहीं दी गई, जबकि केंद्र ने इसे 'गंभीर अपराध बताया था। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एन. वी. अंजारिया को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज ने अपराध की गंभीरता के बारे में बताया। पीठ ने नटराज से पूछा कि उसे अब तक फांसी क्यों नहीं दी गई? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? कम से कम हमने तो फांसी पर रोक नहीं लगाई है। शीर्ष अदालत दया याचिका पर फैसले में देरी के आधार पर राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की याचिका पर सुनवाई कर रही है। नटराज ने कहा कि वह निर्देश लेंगे और पीठ को स्थिति से अवगत कराएंगे। पीठ ने मामले की सुनवाई 15 अक्तूबर के लिए स्थगित कर दी। दया याचिका पर फैसल...