भभुआ, अक्टूबर 15 -- 1. मूसाखांड़ बांध से पर्याप्त पानी नहीं मिलता है। इस कारण चांद और दुर्गावती प्रखंड की सिंचाई प्रभावित होती है। पानी आपूर्ति की व्यवस्था निरंतर बनाए रखना जरूरी है। चांद की 85 प्रतिशत आबादी का जीविकोपार्जन खेतीबारी पर निर्भर है। फोटो-जयशंकर उपाध्याय, पाढ़ी 2. नहर, वितरणी, आहर-पइन की एकसिरे से उड़ाही, उसके क्षतिग्रस्त तटबंध की मरम्मत जरूरी है। इससे चांद प्रखंड का एक हिस्से की फसल बरसात में जलमग्न हो जाती है, जिससे किसानों को आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता है। फोटो- विजय यादव, चांद 3. कुहिरा नदी से खेतों तक पानी पहुंचाने का इंतजाम किए बिना सिंचाई व्यवस्था दुरूस्त नहीं हो सकती है। कई ऐसे जलस्रोत हैं, जिसका अस्तित्व संकट में है। इस ओर विभाग के अधिकारी या जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं है। किसान परेशान हैं। फोटो- फौदार साह, चैनपुर 4...
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