मुजफ्फरपुर, अगस्त 30 -- मुजफ्फरपुर, संजय कुमार सिंह बिहार विधानसभा चुनाव की आहट के साथ 'पचफोरना जातियों के संगठन की लामबंदी दिखने लगी है। इसमें शामिल बढ़ई, लोहार, कुम्हार, माली, ततमा आदि जातियों के संगठन संयुक्त रूप से सक्रिय हो रहे हैं। इस बार ये कुम्हार माटी कला बोर्ड की स्थापना और लोहार को अजजा में शामिल करने की मांग को मुद्दा बनाएंगे। अगर बड़ी पार्टियों में जगह नहीं मिली तो चुनावी मैदान में निर्दलीय हाथ आजमाने की तैयारी में है। बिहार कुम्हार प्रजापति समन्वय समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव शंकर पंडित कहते हैं कि समाज के राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ेपन की बात तो सभी दल करते हैं, परन्तु सत्ता, पद और सरकार में भागीदारी की बात नहीं की जाती है। उन्होंने बताया कि माटी कला बोर्ड के गठन की हमारी पुरानी मांग पर कोई अमल नहीं हुआ। इस बार ...