प्रयागराज, मई 25 -- मोक्षदा पीठ की ओर से रविवार को नौतपा के प्रथम दिवस पर संगम क्षेत्र में सूर्य धरा समरसता पर्व की शुरुआत की गई। शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और शंखनाद से हुआ। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दिया गया। नवग्रह और प्रकृति शांति और प्रकृति समरसता के लिए वैदिक अनुष्ठान हुआ। जीव-जंतु और जलसेवा का संकल्प लिया गया। मोक्षदा पीठ की संस्थापक मंडला मेधास्वी ने कहा कि नौतपा केवल तपन नहीं, बल्कि तपस्या का अवसर है। यह पर्व जीवन को संयमित करने, प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने और धरती के संतुलन में सहभागी बनने का संकल्प है। वैदिक परंपरा में सूर्य को सर्वत्र जीवन का स्रोत, ऋतुओं का संचालक और दैहिक, दैविक और आध्यात्मिक तापों का नाशक माना गया है। महंत डॉ. रविंद्र शुक्ल ने कहा कि धर्म जब पर्यावरण के साथ समरस होता है तब वह केवल पूजा नहीं बल्कि संरक्षण ब...