रुद्रपुर, फरवरी 12 -- सितारगंज, संवाददाता। ग्रीष्मकालीन धान की फसल के बजाय दूसरी फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए बुधवार को सिसौना में अफसरों ने किसानों के साथ बैठक की। विशेषज्ञों ने किसानों को ग्रीष्मकालीन धान की सिंचाई के लिए पानी की अतिरिक्त जरूरत और जलस्तर गिरने के बारे में बताया। विशेषज्ञों ने कहा कि ग्रीष्म ऋतु में किसान ज्यादा मुनाफे कमाने के लिए बेमौसमी धान बोते हैं, लेकिन इससे मुनाफा कम और नुकसान ज्यादा होता है। ग्रीष्म ऋतु में मक्के की फसल धान के मुकाबले बेहतर विकल्प है। इससे भूजल स्तर संतुलित करने और मीथेन का उत्सर्जन रोकने में मदद मिलती है। मक्के में कम लागत में किसान अच्छा मुनाफा कमा सकता है। साथ ही इससे खेत की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी। कहा कि वसंतकालीन मौसम में कई वर्षों तक लगातार धान की खेती करने से मिट्टी में पोषक तत्वों की ...