मधुबनी, जून 17 -- रहिका । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय मधुबनी सेवा केन्द्र द्वारा श्रीमद भागवत गीता के तृतीय दिन सोमवार को प्रवचन कार्यक्रम में राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी कंचन दीदी ने बताया कि गीता ज्ञान मानव जीवन में एक नयी चेतना का संचार करता है। परमात्मा के द्वारा बताये गए ज्ञान को जीवन में आत्मसात करने से मन और बुद्धि शांत और स्थिर होती है। उन्होंने कहा कि चौथे अध्याय में अर्जुन भगवान से पूछते हैं पहले यह ज्ञान किसको दिया तो भगवान कहते हैं सर्वप्रथम मैंने यह ज्ञान सूर्य को दिया ,सूर्य से यह ज्ञान मनु को प्राप्त हुआ। फिर यह ज्ञान राज ऋषियों तक पहुंचा। फिर साधारण जनमानस तक और कालांतर में यह ज्ञान विलुप्त हो चुका है।

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