लखनऊ, जून 26 -- लखनऊ, संवाददाता। यूपी प्रेस क्लब में सीपीएम की ओर से कामरेड अर्जुन प्रसाद स्मृति में इमरजेंसी के 50 वर्ष और आज का अधिनायकवाद पर चर्चा हुई। यहां वक्ताओं ने इमरजेंसी के इतिहास के बारे में बताया। मुख्य वक्ता प्रो. रमेश दीक्षित ने कहा कि इमरजेंसी को हम लोकतंत्र के काले अध्याय के रूप में याद करते हैं। यह वह समय था, जब छात्रों का आंदोलन जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में सड़कों पर था, बाद में व्यापक रूप ले लिया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के तानाशाही फैसलों को लेकर बहुत असंतोष था। जनवादी लेखक संघ के राज्य सचिव नलिन रंजन सिंह ने कहा कि यह कैसी विडम्बना है आज के अधिनायकवाद को देखते हुए उस समय की इमरजेंसी हल्की लगती है। पिछले दो सालों से मणिपुर जिस प्रकार की हिंसा का शिकार हो रहा है और वहां के नागरिकों के लोकतां...