कानपुर, अगस्त 10 -- कानपुर। जिला आर्य प्रतिनिधि सभा महानगर की ओर से आर्य समाज हरजिंदर नगर में आयोजित श्रावणी उपाक्रम पर बोलते हुए कुरुक्षेत्र से आए स्वामी विदेह योगी ने कहा कि श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन श्रावणी उपाक्रम पर्व मनाने की परंपरा प्राचीन काल से है। इसमें वेदों के अध्ययन की प्रेरणा दी जाती है। संस्कृति के तीन मूल तत्व हैं जो मानव जीवन को अनुप्रमाणित करते हैं। इसके प्रतीक हैं - सिर पर चोटी, गले में यज्ञोपवीत, कमर में मेखला (ब्रह्मचर्य का प्रतीक)। आज के हिंदुओं ने इसे छोड़ दिया है। राष्ट्र सुरक्षा के यह सूत्र जीवन में धारण करने योग्य हैं। अध्यक्षता कर रहीं प्रधान डॉ. आशा रानी राय ने कहा कि राष्ट्र रक्षा परम धर्म है। देश और राष्ट्र में अंतर है। देश में सीमाएं व जनसंख्या आती है किंतु राष्ट्र में भूभाग, जनसंख्या व संस्कृति तीन तत्व...
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