गढ़वा, मार्च 13 -- धुरकी। होली और रमजान में भी स्कूलों में एमडीएम बनाने वाली रसोइया को मानदेय नहीं मिला। उससे उनमें निराशा है। प्रखंड के खाला विद्यालय में बच्चों का भोजन बनाने वाली रसोइया समसुल बीवी, आसमा बीवी के अलावा प्रभा देवी, लालती देवी व शीला देवी ने बताया कि वह प्रतिदिन बच्चों को भोजन बनाकर खिला रही हैं। उसके एवज में दो हजार रुपए महीना उन्हें दिया जाता है। हर महीने उन्हें मानदेय नहीं मिल रहा है। 8-10 महीना में दो माह की राशि मिलती है। उसे गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ घर बैठे महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना के तहत दो हजार पांच सौ रुपए दे रही है जबकि उन लोगों को काम करने के बाद भी हर महीने पैसा नहीं दिया जा रहा है। रसोइया ने बताया कि होली और रमजान महीने के बाद भी उनपर सरकार का कोई ध्यान नहीं है।

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