मुजफ्फरपुर, अगस्त 5 -- मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। स्कूल का न तो खाता है और न ही बही। नतीजतन प्रभार नहीं मिल रहा है। अपग्रेड प्लस टू स्कूल में नवनियुक्त हेडमास्टर के पहुंचने पर इसका खुलासा हुआ है। ऐसे में हेडमास्टर बनना अब उन्हें भार लगने लगा है। अधिकांश स्कूलों में अलग से हाईस्कूल का खाता नहीं है। दर्जनों स्कूलों में प्रभार नहीं लेने को लेकर डर का माहौल बनाया गया है। इसकी वजह से योगदान देने के बाद भी 50 फीसदी से अधिक हेडमास्टर ने अबतक प्रभार नहीं लिया है। अब भी 200 से अधिक प्रधान शिक्षक और हेडमास्टर ऐसे हैं, जिन्होंने योगदान ही नहीं किया है। जिन अपग्रेड प्लस टू स्कूल में हेडमास्टर नियुक्त हुए हैं, वे स्कूल पांच से 10 साल पुराने हैं। बावजूद इसके इन स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए बेंच-डेस्क तक नहीं है। इसको लेकर सभी नवनियुक्त हेडमास्...