लातेहार, जुलाई 9 -- चंदवा प्रतिनिधि। मुहर्रम के मौके पर प्रखंड के बारी पंचायत के हुचलू गांव में जलसा का आयोजन किया गया। जलसे की इबतिदा हजरत मौलाना अब्दुल वाहिद और हजरत कारी नौशाद अमर की तिलावते कुरआने अजीम से हुई। हजरत कारी फैजान रजा ने शहादत का मफहूम समझाते हुऐ फरमाया कि शहीद की वफात असल में वफ़ात नहीं होती बल्कि महबूब की महबूब से मुलाकात होती है। हजरत आलम रजा हसमती, लोहरदगा ने फरमाया कि मुहर्रमुलहराम का महीना हमारे दिलों में हजरते इमामे हुसैन की याद और उनकी कुर्बानी को ताजा कर देता है। तारिखे इस्लाम में। खुलाफा-ए-राशिदीन के दौर के बाद उम्मते मुस्लिमा पर सियासी व समाजी और जज्बाती असर अगर किसी वाक्ये ने डाला तो वह वाक्या ए करबला है। हाफिज नईम डुमरिया बिहार ने फरमाया कि मुसलमानों के उस एक तबके पर जो हजरत अली कर्रमुल्लाह वजहहू और उनकी औलाद ...
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