नई दिल्ली। हिन्दुस्तान टाइम्स, फरवरी 18 -- दिल्ली में सोमवार सुबह आया भूकंप प्लेट टेक्टोनिक्स की वजह से नहीं बल्कि भूगर्भीय विशेषताओं में प्राकृतिक रूप से होने वाले बदलाव का परिणाम है। एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने यह बात बताई। भूकंप की वजह राजधानी का हिमालय के दक्षिण में स्थित होना और तीन एक्टिव फॉल्ट लाइनों की मौजूदगी है। मतलब शहर ऐसी जगह पर है जो सिस्मिकली (भूकंप के लिहाज से) एक्टिव क्षेत्र है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के डेटा से पता चलता है कि इस क्षेत्र में 1993 से 2025 के बीच सोमवार के भूकंप के केंद्र के 50 वर्ग किलोमीटर के दायरे में 446 भूकंप दर्ज किए गए हैं। 1.1 से 4.6 की तीव्रता वाले ये झटके इस क्षेत्र की हाई सिस्मिक गतिविधि को दिखाते हैं। दिल्ली की संवेदनशीलता में योगदान देने वाला पहला कारण सोहना, मथुरा और दिल्ली-मुरादाबाद फ...