अलीगढ़, नवम्बर 24 -- अलीगढ़। दारा शिकोह फाउंडेशन के कार्यकर्ताओ ने गुरु तेग बहादुर 'हिंद की चादर' की 350वीं शहीदी दिवस के पावन अवसर एक जोहराबाग स्थित कार्यालय पर गोष्ठी का आयोजन किया। अध्यक्ष आमिर रशीद ने कहा की गुरु साहिब के साहस, करुणा और धार्मिक स्वतंत्रता के संदेश हमें सदैव प्रेरित करते रहेंगे। कहा कि हिंद दी चादर यानी भारत की ढाल या भारत की चादर। गुरु तेग बहादुर कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए अकेले खड़े हुए। 1675 में जब औरंगजेब का अत्याचार बढ़ता जा रहा था। ऐसे में कश्मीरी पंडित गुरु तेग बहादुर के पास आए और उनसे मदद करने को कहा। वो शहीद हो गए लेकिन औरंगजेब के सामने नहीं झुके।

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