नई दिल्ली, अक्टूबर 31 -- नई दिल्ली। मद्रास हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश में कहा है कि क्रिप्टोकरंसी या डिजिटल संपत्तियों को भारतीय कानून के तहत संपत्ति माना जा सकता है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि किसी व्यक्ति की क्रिप्टोकरंसी धोखाधड़ी या हैकिंग के जरिए अवैध रूप से ट्रांसफर की जाती है, तो वह कानूनी कार्रवाई कर सकता है और न्यायिक संरक्षण का हकदार है। यह फैसला उस मामले में आया जिसमें एक व्यक्ति की डिजिटल मुद्राएं उसकी जानकारी के बिना ट्रांसफर कर दी गई थीं। अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में क्रिप्टो संपत्ति पर स्वामित्व का अधिकार लागू होगा। अदालत के इस निर्णय को देश में डिजिटल संपत्तियों की कानूनी मान्यता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह पहली बार है जब किसी भारतीय अदालत ने बिटकॉइन, एथेरियम जैसी डिजिटल करंसी को संपत्ति के रूप में स्वीकार कि...