नई दिल्ली, फरवरी 17 -- वर्शिप ऐक्ट मामले में बढ़ती हस्तक्षेप याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच ने ऐसे आवेदनों को सीमित करने की जरूरत पर जोर दिया। बेंच ने कहाकि हस्तक्षेप दायर करने की एक सीमा होती है। हम आज पूजा स्थल अधिनियम मामले पर सुनवाई नहीं करेंगे। यह तीन न्यायाधीशों की बेंच का मामला है। बहुत सारी याचिकाएं दायर की गई हैं। मामले को मार्च में किसी दिन सूचीबद्ध किया जाएगा। गौरतलब है कि 1991 का पूजा स्थल अधिनियम 15 अगस्त 1947 को स्थापित धार्मिक स्थल के उस समय के स्वरूप को बनाए रखने का प्रावधान करता है। यह मामला विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं के हस्तक्षेप की अपील पर आधारित है। इसमें कांग्रेस, मार्क्सवादी-लेनिनवादी पार्टी (सीपीआई (एमएल)), जमीयत उलमा-ए-हिंद और ऑल इंडिया मजलि...
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