प्रयागराज, जून 22 -- प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता। हमारा शहर प्रयाग हमेशा से प्रयोगों की धरती रही है। आजादी की लड़ाई से लेकर अब तक प्रयाग ने हिंदी पत्रकारिता में कई प्रयोग कर जरूरी अध्याय जोड़े हैं। यही वजह रही है कि बदलती दुनिया और बदलते समय में प्रयाग की हिंदी पत्रकारिता नित नए आयाम गढ़ने में सफल है और आगे भी रहेगी। यह बातें डॉ. धनंजय चोपड़ा ने कही। वह जगत तारन गर्ल्स डिग्री कॉलेज में प्रयागराज की हिंदी पत्रकारिता: प्रवृत्तियां, चुनौतियां और संभावनाएं विषय पर आयोजित दो दिनी अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह शहर स्वराज जैसे उर्दू के अखबार की भी धरती है, जिसके 75 अंकों के लिए आठ संपादक नियुक्त हुए और उन सबको कुल मिलाकर 125 साल की कैद की सजा मिली तथा कई को काला पानी मिला। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में शायद ह...