मेरठ, अगस्त 30 -- मेरठ। बिरसा मुंडा से धरती आबा अर्थात धरती का स्वामी भगवान बिरसा मुंडा बनने तक की यात्रा संघर्ष से भरी पड़ी है। मिशनरियों द्वारा वनवासी क्षेत्र में धर्मांतरण करने का कार्य जोर-शोर से चल रहा था। बिरसा मुंडा ने ईसाई मिशनरियों द्वारा किए धर्मांतरण के विरुद्ध आवाज उठाई। उन्होंने वनवासियों के पारंपरिक रीति-रिवाज, जीवनशैली और परंपराओं को अपनाने और पुनर्जीवित करने का काम किया। ब्रिटिश शोषण और ब्रिटिश सरकार द्वारा नियुक्त जागीरदारों के शोषण के विरुद्ध उन्होंने आंदोलन चलाया। वनवासी क्षेत्र के जल, जंगल और जमीन को लेकर उनका संघर्ष प्रेरणादायक रहेगा। सीसीएसयू कैंपस स्थित इतिहास विभाग एवं राष्ट्रीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के संयुक्त तत्वावधान में बिरसा मुंडा का जीवन और उनकी विरासत विषय पर दो राष्ट्रीय सेमिनार के शुभारंभ में यह ...