कौशाम्बी, जून 27 -- माहे मोहर्रम का चांद नमूदार होते ही अजखानों से हाय हुसैन की आवाजें बुलंद होने लगी। अजाखाने सज गये मजलिसो मातम का सिलसिला शुरू हो गया। सुबह होते ही कस्बे के हजरतगंज वार्ड स्थित हुसैनिया शरीफाबाद में मजलिस हुई उसके बाद से सिलसिला देर रात तक चलता रहा। शुक्रवार सुबह अजाखानों से हाय हुसैन की गमगीन आवाजें सुनाई देने लगीं। काले लिबास पहने अजादार इमामबाड़े में जाकर जिक्रे हुसैन सुनकर गिरिया करते रहे। हजरतगंज वार्ड स्थित हुसैनिया शरीफाबाद में मजलिस को मौलाना मेराज हैदर रिजवी ने खेताब किया। दूसरी मजलिस मरहूम मौलवी रौशन अली के इमाम बारगाह में आयोजित की गई। शुरुआत कुरआन ए पाक की तेलावत से रजी रिजवी ने किया। पेशख्वानी जावेद रिजवी ने करते हुए पढ़ा- आना तेरा हुसैन अजब कार्य कर गया, इस्लाम जिंदा हो गया और कुफ्र मर गया। मजलिस को मौलाना स...
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