मुजफ्फरपुर, अप्रैल 22 -- मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता स्वास्थ्य विभाग के एचबीएनसी (होम बेस्ड न्यू बॉर्न केयर) कार्यक्रम में अब एईएस की भी पड़ताल होगी। एचबीएनसी कार्यक्रम में आशा कार्यकर्ता बच्चे के जन्म से छह महीने तक उसके घर जाकर उनका हाल जानती हैं। पहले आशा कार्यकर्ता बच्चों की लंबाई, पोषण, बुखार आदि की जांच करती थीं, लेकिन अब वह यह भी देखेंगी कि नवजात में एईएस का लक्षण तो नहीं हैं। इसके लिए एचबीएनसी किट में थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर, वजन जांचने की मशीन के साथ ओआरएस और बुखार की दवा भी दी जाएगी। आशा कार्यकर्ता लगातार बच्चे पर नजर रखेंगी। एईएस के लिए जारी नई एसओपी 2025 में यह बदलाव किया गया है। नई एसओपी में आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है कि अगर नवजात में कुपोषित होने के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र रेफर कर...