बगहा, मार्च 29 -- कभी जूते और चप्पल बनाकर अच्छे-खासे पैसे कमाने वाले मोची आज एक-एक पाई के मोहताज हो गए हैं। शहर में अब मोची का व्यवसाय करने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन घटती जा रही है। मोचियों का कहना है कि कोई भी इन्हें काम के अनुरूप पैसे नहीं देता है। इस कारण अब आने वाली पीढ़ी इस काम को करने के लिए तैयार नहीं है। मोचियों का कहना है कि उनके द्वारा बनाए गए जूते और चप्पल टिकाऊ और मजबूत होते थे लेकिन ऑनलाइन बाजार और बड़े ब्रांड्स के आने के बाद सब कुछ लिखो- फेको हो गया है। लोग महीने दो महीने में चप्पल-जूते बदल दे रहे हैं। पहले जो चप्पल बनाया जाता था उसे सालों-साल लोग पॉलिश करा कर पहनते थे। इससे जूते-चप्पल बनाने के साथ पॉलिश वालों का भी काम चलता था लेकिन आजकल के जूता चप्पल के लिए तरह-तरह के क्रीम आ गये हैं। जिसे लगाकर जूता-चप्पल साफ किया जा रहा...