नई दिल्ली, फरवरी 7 -- अमेरिका की निजी अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक का विस्तार करने में जुटी है। हालांकि, अब उसके सामने कई सारी चुनौतियां भी पेश आ रही हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि सैटेलाइट डीऑर्बिट में बढ़ोतरी हो रही है। खगोलविदों ने कुछ चौंकाने वाली बातें साक्षा की हैं। बताया गया कि बीती जनवरी में 120 से अधिक स्टारलिंक उपग्रह पृथ्वी के वायुमंडल में दोबारा प्रवेश कर गए, जहां ये आग के गोले बनकर खाक हो गए। खगोलशास्त्री जोनाथन मैकडॉवेल ने सैटेलाइट के गिरने की इस अभूतपूर्व दर को नोट किया है, जहां लगभग 4-5 स्टारलिंक उपग्रह हर दिन रिटायर्ड हो रहे हैं और भस्म हो जाते हैं। यह भी पढ़ें- पहले माफी मांगे एलन मस्क फिर स्टारलिंक को देंगे लाइसेंस; क्यों भड़के PAK सांसद यह भी पढ़ें- मणिपुर में उग्रवादियों तक कैसे पहुंच...
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