अलीगढ़, नवम्बर 10 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। आधुनिक जीवनशैली ने जहां सुविधाएं बढ़ाई हैं, वहीं आंखों के लिए यह धीरे-धीरे खतरे का संकेत बनती जा रही है। मोबाइल, लैपटॉप और टीवी स्क्रीन पर देर तक टकटकी लगाने की आदत आंखों की रोशनी को झटका दे रही है। हाल के वर्षों में कैरेटोकोनस नामक बीमारी के मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह ऐसी स्थिति है जिसमें कॉर्निया (आंख का आगे का पारदर्शी भाग) पतला होकर शंकु के आकार में बदल जाता है, जिससे दृष्टि तेजी से धुंधली पड़ने लगती है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत शुक्ला का कहना है कि जो लोग बिना पलक झपकाए लंबे समय तक स्क्रीन देखते हैं, उनमें ड्राई आई सिंड्रोम की समस्या बढ़ जाती है। लगातार सूखी आंखें, खुजली और जलन की स्थिति लंबे समय में कैरेटोकोनस में बदल सकती हैं। खासकर किशोर और युवा वर्ग जो दिन...