नई दिल्ली, जुलाई 25 -- राजस्थान के झालावाड़ जिले में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से बच्चों की मौत मर्माहत ही नहीं करती, गंभीर चिंता में डाल देती है। छत गिरने से करीब सात मासूमों की मौत और अनेक बच्चों का घायल होना शिक्षा तंत्र पर सवाल खड़े करता है। इसमें कोई शक नहीं कि स्कूल बच्चों के लिए दूसरे घर की तरह होते हैं। पूरे भरोसे के साथ बच्चे अपने दूसरे घर आते हैं, ताकि अपना भविष्य संवार सकें, पर भविष्य संवारने आए कुछ बच्चे फिर घर नहीं लौट पाए। सुबह करीब 8.30 बजे जब एक मंजिला इमारत की छत गिरी, तब शिक्षकों और कर्मचारियों के अलावा करीब 60 बच्चे परिसर में मौजूद थे। अगर इमारत जर्जर हालत में थी, तो वहां स्कूल किसके आदेश से चलाया जा रहा था? अगर शिक्षकों ने पहले शिकायत की थी और बड़े अधिकारियों ने इमारत को सुधारने के लिए कदम नहीं उठाए, तो यह और भी गंभी...