हापुड़, नवम्बर 5 -- गढ़मुक्तेश्वर। पौराणिक गढ़ गंगानगरी में स्थित मीरा बाबा की मजार आज भी सांप्रदायिक एकता और भाईचारे की प्रतीक बनी हुई है। कार्तिक माह में गंगा मेले के दौरान यहां भरने वाला मेला श्रद्धा और सौहार्द का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है। हर वर्ष की भांति इस बार भी मंगलवार से मजार परिसर में मेला प्रारंभ हुआ, जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे। महाभारतकालीन तीर्थस्थली के उत्तरी छोर पर स्थित यह मजार वर्षों से सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए आस्था का केंद्र रही है। श्रद्धालु गंगा मेले में जाने से पूर्व बाबा की मजार पर हाजिरी लगाना शुभ मानते हैं। विशेष रूप से कुम्हार समुदाय के लोग यहां पड़ाव डालते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मन्नत मांगते हैं। नवविवाहित जोड़े संतान प्राप्ति के लिए जात...