सहरसा, फरवरी 17 -- कहरा, एक संवाददाता। देवना स्थित द्वापर युग की वाणेश्वर नाथ स्थान के सौंदर्यीकरण की मांग अब उठने लगा है। सहरसा-सुपौल मुख्य मार्ग में देवना मोड़ से यह करीब डेढ़ कि. मी. के दुरी पर स्थित वाणेश्वर नाथ शिव लिंग आध्यात्मिक एवं पुरातत्विक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। द्वापर युग मे भक्तराज प्रह्लाद के वंशज बानासूर का इस क्षेत्र मे राज्य था। उन्ही के द्वारा इस शिवलिंग का स्थापना किया गया था। वहीं देवना मे हुए श्रीकृष्ण - बानासूर के बीच हुए संग्राम मे अवतरित वनदेवी की अद्वितीय एवं आकर्षक प्रतिमा वाणेश्वर नाथ मन्दिर परिसर के पश्चिम स्थित है।वनदेवी मन्दिर में नीर निकासी द्वार पर दशकों पुराना आकर्षक घड़ियाल के सिर जैसा संरचना है। शिव मंदिर के दक्षिण-पश्चिम कई एकड़ में फैले ऊंचे टीले पर खुदाई के क्रम मे में पुरातत्विक महत्व के सामान ...