सोनभद्र, जुलाई 27 -- सोनभद्र, संवाददाता। प्रदेश की ऊर्जाधानी के रूप में विख्यात आदिवासी बाहुल्य सोनभद्र की लगभग 15 हजार आबादी आज भी अंधेरे में रहने को विवश है। आजादी से लेकर अब तक सोनभद्र के 108 मजरों में अब तक विद्युतीकरण नहीं कराया जा सका। इससे इन मजरों के आदिवासी ग्रामीण आज भी ढिबरी युग में जी रहे हैं। जबकि सोनभद्र में स्थापित बिजली परियोजनाओं से लगभग 12 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है, जो देश और प्रदेश के कई इलाकों को रोशन करता है। सोनभद्र के आदिवासी बाहुल्य इलाके के 108 मजरों में अब तक बिजली नहीं पहुंच सकी है। इसमें बभनी के ब्लाक में कुल सात से अधिक मजरे ऐसे हैं, जहां बिजली की रोशनी आज तक नहीं पहुंची। इसमें शीशटोला, चपकी, घघरा, चैनपुर गांव के कई मजरों में अब तक विद्युतीकरण नहीं कराया गया। है। वहीं म्योरपुर में 13, कोन में 7, दु...
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