प्रयागराज, जुलाई 1 -- प्रयागराज। ज्ञानपीठ, साहित्य अकादमी व व्यास सम्मान से विभूषित प्रख्यात कहानीकार अमरकांत को कहानीकार के रूप में तराशने का कार्य इलाहाबाद में 'सोंटा गुरु के नाम से प्रसिद्ध उपन्यासकार व संपादक भैरव प्रसाद गुप्त ने किया था। बात उन दिनों की है जब अमरकांत वर्ष 1951 में आगरा से लौटकर इलाहाबाद आए थे। अमृत पत्रिका में काम करना शुरू किया। वेतन बहुत मामूली था और उन्हें आर्थिक तंगी का सामना किया। इस बीच वे अक्सर प्रगतिशील लेखक संघ की गोष्ठियों में शामिल हुआ करते थे। एक दिन सोंटा गुरु के घर पर संघ की बैठक के दौरान उनकी मुलाकात मार्कंडेय, शेखर जोशी, लक्ष्मीकांत वर्मा, रामस्वरूप चतुर्वेदी, जगदीश गुप्त, धर्मवीर भारती जैसी साहित्यिक शख्सियतों से हुई। उस समय 'कहानी पत्रिका के संपादक भैरव प्रसाद गुप्त थे। हिन्दुस्तानी एकेडेमी की त्रैम...