प्रयागराज, अप्रैल 10 -- प्रयागराज। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के विशेषज्ञों ने इसरो के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसकी मदद से यह जानकारी मिल जाएगी कि कहां और कब भूस्खलन होने वाला है। यह सॉफ्टवेयर सेटेलाइट से मिलने वाले डेटा के आधार पर काम करता है। हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रों में इसका सफल परीक्षण हो चुका है। इसके पेटेंट के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एमएनएनआईटी के क्षेत्रीय भू-गणित केंद्र के डॉ. रामजी द्विवेदी ने बताया विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर पर 2022 से काम शुरू किया गया था। यह काम इसरो के साथ मिलकर किया गया है, जिससे इसकी प्रभावशीलता और सटीकता बढ़ जाती है। प्रो. द्विवेदी ने बताया कि अभी तक भूस्खलन की संभावनाओं को जानने के लिए जमीनी तौर पर काम किया जाता था। मगर अब ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.