जौनपुर, सितम्बर 16 -- खुटहन, हिन्दुस्तान संवाद। श्रीअन्न मिलेट्स पुनरुद्धार योजना के तहत कृषि विभाग की ओर से खुटहन विकास खंड स्थित बीआरसी सभागार में सोमवार को ब्लॉक स्तरीय स्कूल अध्यापकों का प्रशिक्षण हुआ। इसमें अध्यापकों को श्री अन्न मोटे अनाज के महत्व व उपयोगिता की जानकारी दी गई। उप परियोजना निदेशक आत्मा डॉ. रमेश चंद्र यादव ने कहा कि कुपोषण से निपटने का सबसे सशक्त उपाय मोटे अनाज हैं। ज्वार, बाजरा, कोदो, सावा, रागी जैसे अनाज ही हमारे पूर्वजों की लंबी उम्र और मजबूत स्वास्थ्य का राज थे। कम लागत में उत्पादित होने वाले ये अनाज गरीबों के लिए भी पौष्टिक भोजन का बेहतर विकल्प हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजीव सिंह ने बताया कि श्री अन्न को खीर, खिचड़ी, मिठाई, इडली, बिस्कुट, स्नैक्स और चिक्की जैसे कई रूपों में खाया जा सकता है। यह कम लागत में अधिक उत्प...