नई दिल्ली, सितम्बर 9 -- सेना साइबर और इंफॉर्मेशन वॉर के बढ़ते खतरों से निपटने पर काम कर रही है। इसके लिए स्वदेशी तकनीकी की भी तलाश जारी है। इसमें डीप फेक डिटेक्शन सॉफ्टवेयर, साइबर रेंज के जरिए सैनिकों को ट्रेनिंग और मैन-पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरण शामिल हैं। सुरक्षा बलों का लक्ष्य ऐसी तकनीक हासिल करना है जो संवेदनशील जानकारी को सुरक्षित रखे। इसके लिए डीप फेक डिटेक्शन सॉफ्टवेयर की मांग की जा रही है, जो लगभग रीयल-टाइम में 100% सटीक जानकारी दे सकता है। यह एक तरह की 'डिजिटल तलवार' होगी। यह भी पढ़ें- Live: वोटिंग जारी, पीएम मोदी ने डाला वोट; पहुंचने लगे विपक्ष के भी सांसद ऑपरेशन सिंदूर से पहले पाकिस्तान ने साइबर और इंफॉर्मेशन वॉर के जरिए भारतीय सेना को निशाना बनाया। हजारों फर्जी तस्वीरें और वीडियो वायरल किए गए। साथ ही सुरक्षित नेटवर्क मे...
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