पलामू, फरवरी 4 -- हैदरनगर, प्रतिनिधि। सनातन धर्म में भगवान सूर्यदेव के प्राकट्य दिवस का मान्यता प्राप्त अचला सप्तमी पर्व मंगलवार को श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पृथ्वी लोक पर सूर्यदेव की प्रथम किरण पड़ी थी। इसे रथ सप्तमी व भानु सप्तमी भी कहा जाता हैं। ज्योतिष जिज्ञासु पं. कुंडल तिवारी ने इस व्रत के संबंध में सोमवार को आयोजित एक परिचर्चा में कहा कि भगवान सूर्यदेव को समर्पित इस व्रत को सूर्य जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन स्नान-दान करने से धन-धान्य की वृद्धि व उत्तम संतान की प्राप्ति होती है। इस दिन लोग सूर्यदेव की विशेष पूजा-पाठ, व्रत, धार्मिक अनुष्ठान कर संतान सुख की प्रार्थना करते हैं। उन्होंने कहा कि यह व्रत परिवार के सुख-शांति व समृद्धि की कामना के लिए उत्तम माना जाता है। आम तौर पर विवाहित महिलाएं इस व्र...