गोरखपुर, फरवरी 26 -- गोरखपुर, नीरज मिश्र। पिछले साल के हीट वेव का दुष्प्रभाव मरीजों की सेहत पर अब तक है। सूरज की प्रचंड तपिश ने मरीजों की चमड़ी मोटी कर दी। त्वचा का रंग भी काला पड़ गया। ये मरीज हाइड्रोओ वैक्सीनफॉर्म और फोटो एलर्जिक डर्माटोज रोग से जूझ रहे हैं। इनका इलाज पिछले साल से ही एम्स के चर्म रोग विभाग में चल रहा है। ऐसे केस आमतौर पर रेगिस्तानी इलाको में आते हैं। पूर्वांचल में इस बीमारी की वजह पिछले साल 39 दिन तक चली हीट वेव है। पिछले साल गर्मी में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज एम्स की ओपीडी में इलाज के लिए आए थे। चर्मरोग विभाग की ओपीडी में हर दिन ऐसे मरीजों की संख्या करीब 20 फीसदी थी। बीमारी से जूझने वालों में युवक और बच्चों के साथ महिलाएं भी शामिल रहीं। छह से आठ माह तक इलाज के बावजूद करीब तीन सौ मरीज अभी तक ठीक नहीं हुए। इनमें कई मरीजो...