गोरखपुर, जुलाई 26 -- गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इन्फ्लेमेट्री बाउल डिजीज (आईबीडी) की पहली बार सर्जरी की गई है। पिछले 10 महीने में तीन चरणों में हुई सर्जरी के बाद बहराइच के रहने वाले 16 वर्षीय किशोर की हालत में सुधार हुआ है। बीमारी में किशोर की आंतों में सूजन हो जा रही थी। गैस्ट्रों की दवाओं से उसका इलाज संभव नहीं था। इलाज के दौरान चिकित्सकों ने किशोर की बड़ी आंत को काट कर निकाल दिया। किशोर के इलाज के लिए पहली बार एम्स की जनरल सर्जरी, एनेस्थीसिया और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से काम किया। एम्स के जनरल सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. गौरव गुप्ता ने बताया कि किशोर में इन्फ्लेमेट्री बाउल डिजीज की पहचान हुई थी। उसका पेट फूल जा रहा था और भोजन नहीं पच रहा था। दवाएं कारगर नहीं होने से किशो...