नवादा, अक्टूबर 7 -- आम जनों की आवाज : 1.नवादा कॉलेज रोड पर लड़कियों के लिए एक भी सुरक्षित शौचालय नहीं है। हमें लम्बे समय बाहर रहना होता है, पर सुविधा नहीं होने से असुविधा झेलनी पड़ती है। सरकार अगर वाकई महिला सशक्तीकरण चाहती है तो शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा को प्राथमिकता दे। स्वच्छ भारत का नारा नवादा शहर में बेअसर दिखता है। -शालिनी बरनवाल, नवादा। 2.नगर के सार्वजनिक शौचालयों की हालत बेहद खराब है। दरवाजे टूटे हुए हैं, पानी नहीं रहता और सफाई का कोई प्रबंध नहीं। महिलाएं और बच्चे खास तौर पर परेशान होते हैं। कई बार नगर परिषद तक बात पहुंचायी गयी है लेकिन सुधार नहीं हो रहा। आम तौर पर सफर में आराम या सुविधा से ज्यादा शौचालय जरूरी होता है। -संगीता बरनवाल, नवादा। 3.नवादा बाजार में हजारों लोग रोज आते हैं, पर शौचालय गिने-चुने हैं। ग्राहक अक्सर पूछते ह...