भागलपुर, अप्रैल 21 -- त्रिवेणीगंज, निज संवाददाता पर्यावरण संरक्षण से जुड़े लोग कहते हैं कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरत के अनुपात में पौधरोपण नहीं हो रहा है। समय-समय पर पौधरोपण किया भी जाता है लेकिन उचित देखरेख के अभाव में पौधे सूख जा रहे हैं। पहले जंगल होते थे। उसमें छोटे पौधे से लेकर बड़े-बड़े पेड़ होते थे। अब लोग जंगलों को काट कर व्यासायिक पौधे लगा रहे हैं जो सही नहीं है। मोनोकल्चर एक तरह से कहे तो यह एकमात्र कम समय मे ज्यादा पैसा कमाने वाला पौधरोपण अभियान है। उनका कहना है कि लगे हुए पौधों को बचना भी उतना ही जरूरी है जितना नए पौधे लगाना है। स्कूल, कॉलेज और समुदाय स्तर पर बहुउद्देश्यीय पौधरोपण के लिए प्रेरित करना होगा। उन्होंने बताया कि वन विभाग और मनरेगा की तरफ से पौधे लगाए तो जाते हैं लेकिन उनका संरक्षण नहीं किया जाता है। अगर जितनी स...
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