औरैया, नवम्बर 9 -- फोटो: 3 कथा कहते हुए भगवताचार्य। अयाना, संवाददाता। सेंगनपुर स्थित कुंवर भाव सिंह बाबा मंदिर पर चल रही भागवत कथा के अंतिम दिन आचार्य प्रदीप मंजुल ने सुदामा चरित्र का मार्मिक प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि सुदामा संसार के सबसे अनोखे भक्तों में रहे हैं। जीवन में भले ही वे गरीब दिखाई देते थे, लेकिन मन से अत्यंत धनी थे। उनके सुख-दुख भगवान की इच्छा के प्रति समर्पित थे। आचार्य ने श्रीकृष्ण और सुदामा के मिलन का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान ने अपने मित्र सुदामा के फटे वस्त्र नहीं देखे, बल्कि मित्र की भावना को देखा। मनुष्य को अपने कर्मों को कभी नहीं भूलना चाहिए और यदि सच्ची मित्रता निभानी हो तो श्रीकृष्ण और सुदामा की तरह निभानी चाहिए। कथा के दौरान श्रद्धालु भावविभोर होकर भक्ति में डूब गए। कार्यक्रम में परीक्षित, देवेंद्र बाथम, द...