गंगापार, मई 24 -- आम तौर पर किसान 15 मई के बाद से धान की नर्सरी डालना शुरू कर देता है। जिससे मानसून के आने के पहले उसकी नर्सरी तैयार हो जाय। लेकिन नहरें सूखी होने से क्षेत्रीय किसान नर्सरी नहीं डाल पा रहे हैं। जिसकी चिंता उन्हें सताने लगी है। जिन किसानों के पास पंपिंगसेट है वही शुरू कर पा रहे है। नौ तपा से पहले ही तेज धूप से तपती धरती पर ट्यूबवेल का पानी ऊंट के मुंह में जीरा की तरह है। शारदा सहायक खंड 39 के किनारे बसे गांव रुदापुर के किसान आशुतोष तिवारी, अवधेश कुमार, अमित यादव, ज्ञानेंद्र पाल, देवनहरी के दिनेश शुक्ला आदि ने बताया कि विगत कुछ वर्षों से सिंचाई विभाग के अधिकारियों की हठधर्मिता के चलते किसान मायूस हो रहा है। अधिकारी नहर में पानी छोड़ने की समय सारिणी का अनुसरण नहीं करते। जब किसानों को जरूरत होती है तब अक्सर नहर सुखी मिलती है।...
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