टिहरी, अक्टूबर 8 -- सैनिक शहीदों व आपदा पीड़ीत मृत आत्माओं की शांति के लिए शहीद स्मारक बौराड़ी में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा अमृत महोत्सव के आठवें दिन कथा का मंच मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रसंगों से सजा। कथा वाचक राष्ट्रीय संत डा दुर्गेश आचार्य महाराज ने देवी भागवत पुराण से सुकन्या और महर्षि च्यवन की प्रेरणादायी कथा सुनाते हुए भक्ति और पतिव्रता धर्म की अद्भुत शक्ति का वर्णन किया। कथा का वाचन करते हुए उन्होंने कहा कि कैसे राजा शर्यात की पुत्री सुकन्या ने अनजाने में महर्षि च्यवन की तपस्या भंग कर दी और राज्य पर संकट आ गया। डा आचार्य महाराज ने कहा कि सुकन्या का जीवन स्त्री की निष्ठा, भक्ति और सेवा का आदर्श उदाहरण है, जो सिखाता है कि सच्चे मन से किया गया प्रायश्चित सबसे बड़े दोष को भी मिटा सकता है। कथा वाचन में उन्होंने राजा सत्यव्रत (त्रिश...