नई दिल्ली, मई 17 -- नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। भारत-पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ के खतरों का मुकाबला करने के लिए सुरक्षा घेरा को और अभेद्य बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में निगरानी प्रणाली को भी अत्याधुनिक रूप दिया जा रहा है। 1,500 करोड़ रुपये की लागत से कई योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। सीमा पर अत्याधुनिक निगरानी बुनियादी ढांचे को स्थापित करने, बाड़ उन्नयन, रणनीतिक रूप से सीमावर्ती इलाकों में सड़क विकास सहित कई योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। एडवांस तकनीक के ड्रोन खरीद से जुड़े प्रस्तावों को भी सरकार आगे बढ़ा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय संवेदनशील सीमा क्षेत्रों से जुड़ी इन परियोजनाओं को लेकर वित्त मंत्रालय के साथ लगातार चर्चा कर रहा है। जिससे कि धन की कमी योजनाओं की राह में रोड़ा न बने। अधिकारियों को कहा गया है कि वे सीमावर्ती इलाकों में...