लखनऊ, अगस्त 1 -- लखनऊ, कार्यालय संवाददाता सेण्टर ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च (सीबीएमआर) में शुक्रवार को 15वें भारतीय अंगदान दिवस के उलक्ष्य में आयोजित अंगदान जीवनी संजीवनी अभियान कार्यक्रम से प्रभावित 35 लोगों ने अंगदान का संकल्प लिया। पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नारायण प्रसाद ने कहा कि देश में हर वर्ष लाखों रोगियों को प्रत्यारोपण के लिये समय पर अंग की उपलब्धता न होने से मौत हो जाती है। इनमें सबसे ज्यादा किडनी के रोगी है। यदि गुर्दा रोगियों को समय पर प्रत्यारोपण न मिले तो डायलिसिस पर औसत आयु चार से पांच वर्ष बचती है। सीबीएमआर के निदेशक प्रो. आलोक धावन ने सभी कर्मचारियों एवं शोधार्थियों से आह्वान किया कि इस नेक काम में हिस्सा लेते हुए अपने अंगदान से जरूरतमंद रोगियों का जीवन बचाने में योगदान दें। देश के 688 केन्द्रों में अंगदान ...