प्रतापगढ़ - कुंडा, मई 14 -- कुंडा, संवाददाता। धान की सीधी बोआई पर्यावरण के लिए बहुत लाभदायक है। किसान धान की सीधी बोआई कर अपनी मेहनत, पानी और उवर्रक की बचत करें। यह बातें राजा दिनेश सिंह कृषि विज्ञान केन्द्र कालाकांकर में आयोजित धान की सीधी बुआई को लेकर आयोजित कार्यशाला में उपकृषि निदेशक विनोद कुमार यादव ने कही। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.एके श्रीवास्तव ने कहा कि धान की सीधी बुआई एक लागत तकनीकि है। इस विधि से धान की बुआई सीधे खेत में 50 किग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से की जाती है। शोध के परिणाम बताते हैं कि इस विधि से रोपाई के बराबर या उससे अधिक पैदावार मिलती है। डॉ. अंजलि पारसनीस ने धान की बोआई पर जानकारी दी। केंद्र प्रभारी ने अतिथियों को पौधे के गमले देकर सम्मानित किया। इस मौके पर मलय मिश्रा, ऋषभ देव मिश्रा, अशोक भारद्वाज, आलोक मिश्रा...
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